हां तो थक गए हो कोशिश करते करते कोशिश बहुत किया लेकिन कुछ हो नहीं रहा है ख्याल आता है कि अब सब कुछ छोड़ देते हैं मुझसे नहीं होगा पता नहीं क्या कमी रह रही है इतनी मेहनत करता हूं लेकिन शायद लक खराब है मेरा किस्मत नहीं साथ दे रही है
क्या नहीं किया मैंने यार मैं तो लोगों से मेहनत भी ज्यादा करता हूं फिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है जो भी है अब छोड़ना है तो छोड़ना है अगर यह सब आपके दिमाग में चल रहा है या ऐसा कुछ चल रहा है तो छोड़ दो यार लेकिन छोड़ने से पहले इस कहानी को पूरा पढ़ लो उसके बाद आपका मन जो कहे वह करना
ठीक है आइए शुरू करते हैं आज की कहानी सिद्धार्थ गौतम जो बाद में द ग्रेट बुद्धा कहलाए लेकिन जब वह सिद्धार्थ थे सिर्फ सिद्धार्थ तब की बात है सिद्धार्थ ने ज्ञान प्राप्त करने के लिए बहुत मेहनत की बहुत तपस्या की बहुत लोगों से मिले इधर-उधर भटके भी बहुत लेकिन वह परम ज्ञान जो उनको चाहिए था
वह उनको प्राप्त ही नहीं हो रहा था वह थक के 1 दिन एक बरगद के पेड़ के नीचे जाकर बैठ गए ऐसा ज्ञान प्राप्त करना मुमकिन ही नहीं है किसी के लिए यह उन्होंने समझ लिया मान लिया उसके बाद उन्होंने वहां पर एक गिलहरी को देखा जो इधर उधर भाग रही थी और बार-बार एक ही काम कर रही थी उसे देखकर सिद्धार्थ को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था
कि यह कर क्या रही है फिर उन्होंने थोड़ा ध्यान से देखना शुरू किया उन्होंने देखा कि उस पेड़ के बाजू में एक छोटा सा तालाब था वह गिलहरी उस तालाब में जा करके अपनी पूछ भिगोती थी और थोड़ा पास में एक सुखी जगह पर जाकर अपनी पूछ को झटक कर पानी के छींटे गिरा देती थी
और फिर वापस तालाब मैं जाकर वही काम दुबारा करती थी सिद्धार्थ से रहा नहीं गया और उन्होंने पूछा कि तुम यह क्या कर रहे हो और क्या हासिल करना चाहते हो क्यों इतना मेहनत कर रहे हो और गिलहरी कुछ देर के लिए रुकी और उसने जवाब दिया कि मैं इस तालाब को यहां से वहां शिफ्ट करने की कोशिश कर रही हूं डिस्टर्ब मत करो
सिद्धार्थ ने कहा कि लेकिन सुनो तो सही यह मुमकिन नहीं है तुम बेकार में मेहनत कर रही हो ऐसा नहीं हो सकता है कुछ और कर लो जो तुम्हारे बस में हो गिलहरी फिर से रुकी और बोली मैं कोशिश करूंगी और तब तक कोशिश करूंगी जब तक सफल नहीं हो जाऊंगी
मैं सिद्धार्थ नहीं हूं जो लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही कोशिश करना बंद करके एक पेड़ के नीचे बैठ के यह सोचती रहूं कि यह मुमकिन नहीं है उसके बाद उसने सिद्धार्थ के जवाब का इंतजार किए बिना अपना काम करना शुरू कर दिया उस छोटे से जीव ने इतनी बड़ी बात कह दी थी सिद्धार्थ को वह इतना प्रेरित हुआ कि उसने तय किया
अब मैं तब तक नहीं रुकूंगा जब तक मुझे वह ज्ञान प्राप्त नहीं हो जाता चाहे कितने दिन कितने महीने कितने साल लग जाए लेकिन यह काम मैं अधूरा नहीं छोडूंगा उसके बाद दुनिया को बुद्धा मिले!
थॉमस अल्वा एडिसन इस बंदे को स्कूल में सब लोग टीचर्स भी कम बुद्धि वाला कहते थे डम कहते थे दुनिया ने इसको इतना परेशान किया कि उसने 12 साल की उम्र में फॉर्मल एजुकेशन ही छोड़ दी घर पर बैठकर पढ़ाई की खुद आगे चलकर उसको नौकरी मिली
पहले दोनों नौकरियों में यह बंदा बेकार है यह कह कर स्कोर निकाल दिया गया बचपन से लेकर अब तक इतने सारे नेगेटिव एक्सपीरियंस हो चुके थे उसके बावजूद भी उसने खुद को कभी बेकार नहीं समझा अपने आविष्कारों में भी एक दो बार नहीं हजारों बार यह बंदा फेल हुआ यहां भी लोग उसको पागल कहने लगे
लेकिन कभी भी उसने अपने आपको पागल नहीं समझा और उसने ऐसी-ऐसी खोजें की थॉमस अल्वा एडिसन को उस सदी का सबसे महान साइंटिस्ट कहा जाता है जरा सोचो यार बचपन से लेकर जितने भी रिजेक्शन उनको मिले थे अगर एक बार भी उन्होंने गिव अप कर दिया होता
तो आज हम लोग दिए और मशाल जलाकर अपने घरों में रोशनी कर रहे होते!
अब्राहम लिंकन अब इनकी सक्सेस तो आपको पता ही होगी अमेरिका के प्रेसिडेंट थे लेकिन इन्होंने अपनी लाइफ में कभी भी किसी भी जगह पर क्विट नहीं किया है डिप्रेस नहीं होते थे ऐसा नहीं है इतने सारे फैलियर्स मिले थे की चाकू जैसी चीजों से यह खुद को दूर रखते थे
ताकि कभी गुस्से में आकर फर्स्टरेशन में आकर खुद को मारना दे अंदाजा लगा लो किस लेवल के फैलियरस मिले होंगे 9 साल की उम्र में माताजी गुजर गई पिताजी ने दूसरी शादी कर ली पिताजी की तरफ से कभी भी वह प्यार नहीं मिला जो एक बेटे को बाप से मिलना चाहिए
लॉ की पढ़ाई करने की कोशिश की एडमिशन नहीं मिला 21 साल की उम्र में वार्ड मेंबर का चुनाव लड़े हार गए 22 साल की उम्र में शादी करने की चाहत रखी उस टाइम पे उनकी शादी नहीं हुई 31 साल की उम्र में इन्होंने बिजनेस शुरू किया फेल हो गया 32 साल की उम्र में विधायक का चुनाव लड़े हार गए फिर जॉब ज्वाइन की वहां से भी इनको निकाल दिया गया
33 साल की उम्र में इन्होंने एक और बिजनेस शुरू किया और ज्यादा घाटे में गए 35 साल के हुए उनकी मंगेतर का निधन हो गया 36 साल की उम्र में उनका नर्वस ब्रेकडाउन हो गया 43 साल की उम्र में उन्होंने कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ा हार गए 48 साल की उम्र में फिर से कोशिश की हार गए
55 की उम्र में उन्होंने ऐसे सेनेटर के लिए चुनाव लड़ा हार गए अगले साल वाइस प्रेसिडेंट के लिए चुनाव लड़ा हार गए 59 की एज में उन्होंने फिर से सेनेट के लिए चुनाव लड़ा हार गए दुनिया की नजर का सबसे बड़ा फेलियर सबसे बड़ा लूजर 1860 में अमेरिका का प्रेसिडेंट बना!
और एग्जांपल दु सुनो हेनरी फोर्ड जीनका कहना थाा कि फैलियर और कुछ भी नहीं यह बस फिर सेेे शुरुआत करने का एक मौका है इस बार थोड़ा और हिम्मत के साथ और थोड़ी और समझदारी के साथ हेनरी फोर्ड अपना सपना पूरा करने से पहले बहुत ज्यादा बार फेल हुए हैं
हर बार उन्होंने कुछ सीखा और फिर से ट्राई किया हर बार कुछ सीखा और आगे बढ़ते गए ऐसे दिन भी आए की बिजनेस में इतने बड़े-बड़े घाटे हुए सब कुछ खत्म भी हो गया था लेकिन फाइनली फोर्ड मोटर कंपनी आज कहां पर है मुझे बताने की जरूरत नहीं है
हां यह हकीकत है कि कभी-कभी ऐसा लगता है कि पूरी कायनात आपके खिलाफ हो गई हैं आप चाहते कुछ और हैं और होता कुछ और है आप आगे बढ़ने के लिए अपनी सारी ताकत लगा रहे हैं लेकिन फिर भी आप पीछे- खींचे चले जा रहे हैं ऐसा सब के साथ होता है!
वाल्ट डिज्नी के साथ भी हुआ था वर्ल्ड डिज्नी इनका नाम सुनते ही आपकेेे दिमाग में यह ख्याल आता होगा ना कि इनका इमैजिनेशन लेवल बहुत ही सॉलिड होगा तभी ऐसे ऐसे कार्टूंस डिज्नीलैंड पता नहींं क्या क्या इन्होंने क्रिएट किया है लेकिन आपको पता है की जब यह न्यूज़ पेपर में एडिटर का काम करते थे
तो उनके बॉस ने उनको यह कह कर निकाल दिया था कि तेरे में क्रिएटिविटी नाम की कोई चीज ही नहीं है क्रिएटिव इमैजिनेशन तेरे बस के बाहर की बात है और तेरे आइडियास मैं बिल्कुल ही दम नहीं होता है कोई ऐसा इंटेंसनेली कहे तो कैसा लगता है यार
उसके बाद उन्होंने अपना खुद का बिजनेस शुरू किया बुरी तरीके से पिटे बहुत ज्यादा लॉस हुआ कुछ नहीं बचा था बुरी तरीके से टूट गए थे हां वैसा ही फील करते रहे कि सब कुछ मेरे खिलाफ ही हो रहा है क्यों मैं इतनी मेहनत करता हूं फिर मुझे ऐसा फल क्यों मिल रहा है
फिर उन्होंने सोचा की हार तो मैं गया हूं हर तरीके से और एक बार कोशिश करूंगा तो शायद फिर से हार जाऊंगा लेकिन मैं तो पहले से ही हारा हुआ हूं इससे बुरा क्या हो सकता है इससे नीचे क्या हो सकता है लेकिन हां अब जब तक मुझे सक्सेस नहीं मिलेगी ना कोशिश करना नहीं छोडूंगा में
दुनिया भले ही मुझे पागल कहे लेकिन नए आईडियास पर काम करना नहीं छोडूंगा मैं उन्होंने जैसे-जैसे फैलियर्स मिले थे उससे कई गुना ज्यादा बड़ी सक्सेस मिली है आज डिज्नी ए क्लास ब्रांड है बिलियंस आफ डॉलर्स उनकी इनकम है उनकी मूवीस उनके थीम पार्क पूरी दुनिया में धूम मचा रहे हैं
ऐसी सक्सेस मतलब उनके जाने के बाद उनकी मृत्यु के बाद भी डिज्नी की सक्सेस बढ़ती जा रही है तो मैं आपसे यही कहना चाहूंगा कि किसी काम को बीच में छोड़ देना यह बंद कर देना यह सोल्यूशन नहीं है यार हां फैलियर्स से दुख होता है लेकिन एक बात बताऊं पछतावे का जो दुख और दर्द होता है ना वह फैलियर्स के दर्द से कई ज्यादा बड़ा होता है
उस अफसोस के साथ आप पूरा लाइफ नहीं जी पाओगे कि काश मैंने एक और बार कोशिश की होती तो जब शीशे में खुद को देखोगे ना भले ही दुनिया आपको फैलियर कहे फिर भी तुम अपने आंखों में फक्र साथ देख पाओगे तुमने तो यार पूरी कोशिश की थी यू आर नॉट फेलियर आज नहीं तो कल सही कल नहीं तो परसों ही सही दुनिया भी यही करेगी यू आर नॉट फेलियर और सब कुछ आज ही मिल जाए
जरूरी तो नहीं है ना कल सबसे से मिलने के चांसेस हैं लेकिन अगर आज रुक जाएंगे तो वह कल कभी आएगा ही नहीं सो डोंट क्विट नेवर ओके तो आज की बातें यहीं तक रखते हैं उम्मीद करता हूं कि जो कहानी आपने पड़ा है इसे पढ़ने के बाद आप अपना मूड बदल देंगे धन्यवाद
हां तो आपको यह कहानी कैसी लगी क्या यह कहानी आपको लाभदायक लगी अगर हां तो प्लीज कमेंट करके जरूर बताइए ताकि मैं आपके लिए और भी ऐसे ही लाभदायक कहानियां ला सुकू और प्लीज हमारे साइड को सब्सक्राइब कर लीजिए जिससे कि मैं जब भी ऐसी प्रेरणा से भरी कहानियां डालूंगा आपके पास नोटिफिकेशन चली जाए थैंक्स
कुछ ऐसे महान लोगों की कहानी जिन्होंने अपनी हार को जीत में बदल दिए
Reviewed by Shubham Thakur
on
अप्रैल 07, 2020
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