रेमो डिसूजा की लाइफ स्टोरी हिंदी में



तो आज हम बात करने वाले हैं द वेरी ग्रेट रेमो डिसूजा सर के बारे में हिंदुस्तान में आज डांस का क्रेज है डांस को  ऐजा प्रोफेशन  लोग चूस करते हैं पेरेंट्स  अलाओ  करते हैं तो यह जो एक चेंज आया है हिंदुस्तान में इसमें में बहुत सारे लोगों का हाथ है उनमें से एक नाम है रेमो डिसूजा का खेलने कूदने की उम्र में उन्होंने यह तय कर लिया था कि वह इसी फील्ड में काम करेंगे एक डांसर बनेंगे डांस कोरियोग्राफर बनेंगे तो आज हम रेमो सर के जिंदगी के बारे में बहुत सारी बातें जानने वाले हैं तो आइए फिर शुरू करते हैं आज की बातें!


हाय मैं हूं शुभम ठाकुर और आप सब का स्टोरीज किंग पर बहुत स्वागत है रेमो डिसूजा का जन्म सेकंड अप्रैल 1974 को कर्नाटका के बेंगलुरु में हुआ है पिताजी एयरफोर्स में थे और वह चाहते थे कि रेमो  भी  आर्मी जॉइन करें आगे चलकर पढ़ाई की बात करें तो रेमो सर को इतना कुछ ज्यादा इंटरेस्ट नहीं था पढ़ाई में ठीक-ठाक से स्टूडेंट थे!

क्योंकि बचपन से उनका यह फिक्स था जैसे की मैंने  बताया आपको कि भाई अपने को करना तो डांस ही है हेना जिस उम्र में बच्चों को करियर क्या होता है यह तक नहीं पता होता है उस उमर में भाई साहब ने अपना करियर फिक्स कर लिया था कि हम  जिंदगी भर यही करेंगे तो पढ़ाई के ऊपर इतना ज्यादा फोकस नहीं था!

डांस के ऊपर ही ज्यादा फोकस था माइकल जैक्सन के बहुत बड़े फैन हैं उनको अपना गुरु मानते हैं माइकल जैक्सन के स्टेप्स को देखते थे उन स्टेप्स को मॉडिफाई करके खुद के स्टेप्स बनाते थे रेमो सर ने कभी भी प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली है उनको जो भी आता है जो भी उन्होंने हासिल किया है खुद से किया है खुद सीखे हैं खुद मेहनत करके अपने आप को सिखाया है!

तो इतना बचपन से अगर आपके अंदर फोर्स होता है किसी भी फील्ड को लेकर किसी भी करियर को लेकर अगर इतनी आग होती है तो आपके पास बहुत सारे रास्ते आ जाते हैं अपने आप आपके पास हजार रास्ते होते हैं हजारों रीजंस होते हैं उस काम को करने के आपके पास बहाने नहीं होते हैं मेरे पास यह नहीं है मेरे पास वह नहीं है!

अगर ऐसा हुआ होता तो मैं भी कर लेता वह अंदर से होना चाहिए तो सब अपने आप हो जाता है अंदर से आपको बहुत सारा अपने आप से भी इंस्पिरेशन मिलता है तो यही रेमो सर के केस में हुआ स्कूल की बात करें तो स्कूल के अंदर हर कंपटीशन में पार्टिसिपेट किया करते थे पूरा स्कूल टीचर्स सब जानते थे कि रमेश रेमो सर का रियल नेम रमेश गोपी है अभी रेमो सर हो गए हैं!

तो रमेश बहुत ही अच्छा डांसर है तो जैसे तैसे करके भाई साहब ट्वेल्थ क्लास तक आ गए ट्वेल्थ का एग्जाम चल रहा था तीन पेपर चले गए थे उसके बाद  पता नहीं क्या दिमाग में आया उन्होंने सोचा कि यार मुझे करना तो डांस है तो फिर मैं यहां पर क्यों फोकस कर रहा हु यहां पर क्यों मेहनत कर रहा हूं तो बीच एग्जाम में भाई ने अपनी माता जी को यह बात बताई की मम्मी मुझे तो बन्ना डांसर है!

तो मैं एग्जाम नहीं देना चाहता हूं पिताजी से तो डायरेक्ट  इसलिए बात नहीं की होगी क्योंकि पिताजी आर्मी में थे सेफ डिस्टेंस रखना समझदारी लगा होगा उनको माताजी शॉक्ड थी क्योंकि बीच एग्जाम में ऐसी बात कोई भी बच्चा करेगा तो यही होगा माताजी ने यह बात पिताजी को बताइ दोनों इसलिए शॉक्ड थे क्योंकि अगर रेमो ने एग्जाम के बाद यह बात की होती तो समझ सकते थे!

क्योंकि डांस वांस है एग्जाम खत्म हो गई है को करिकुलर एक्टिविटीज में बच्चा कुछ करना चाहता है कर ले बेटा क्यों कि अभी की बात छोड़ो अभी तो है ही प्रॉब्लम उस वक्त में 1974 और यह सब उसके बाद भी गिन लो 1999 और अभी तक मैं तो बोल रहा हूं डांस या फिर कोई भी जितनी भी एक्टिविटीज है हमारे दिमाग में फीड हो गया है कि यह को करिकुलर एक्टिविटीज है!

हमारा स्कूल कॉलेज समाज सोसाइटी जो भी हैं लोग पेरेंट्स इसको इस तरीके से ही देखते हैं जो भी लोग ऐसी कोई बात कर देते हैं कि मैं यह बनूंगा तो वह ऐसे रिएक्ट करते हैं जैसे उसने टेररिस्ट बनने की बात कर दि हो अरे यह बनने की चीज थोड़ी ना है भाई पढ़ाई करो यह करो तो यह है अभी भी चल रहा है अभी भी ज्यादातर लोग यही मानते हैं कि डांस बगैरा ठीक है एक्टिंग भी ठीक है!

पढ़ाई क्या की है और जॉब है कि नहीं है गोरमेंट जॉब है कि नहीं है यह मेंटालिटीज तो तब कितनी होगी तो पहले तो छोटे से रमेश को माता-पिता ने बहुत ज्यादा डांटा लेकिन कैसे भी करके रमेश ने अपनी मां को मना लिया और मां ने कैसे भी करके रमेश के पिताजी को मना लिया छोटे से रमेश ने अपने माता पिता को यकीन दिलाया कि आप मुझे सिर्फ 3 महीने की मोहलत दीजिए!

इतने वक्त में अगर मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा तो आप जो भी कहेंगे मैं करने के लिए तैयार हूं यह कॉन्फिडेंस उनको इसलिए था क्योंकि उन्होंने अपना पूरा बचपन इस फील्ड को दे दिया था अपने आपको उस हद तक उन्होंने ट्रेंड कर लिया था कि उनको पता था मैं कुछ ना कुछ तो कर ही लूंगा इतना यकीन था खुद के ऊपर माता पिता ने भी उनकी बातों पर भरोसा किया और उनको वक्त दिया!

तो ऐसे करके रमेश गोपी गुजरात के जामनगर से 26 जुलाई 1993 को सपनों के शहर मुंबई में आ गए यहां पर आने के बाद शुरू हुआ स्ट्रगल का घमासान रहना इधर से उधर होता रहा चेंज होता रहा स्ट्रगल शुरू हो गई थी जिस फैमिली के साथ रहते थे उनको यह न लगे कि रमेश के पास कुछ काम नहीं है शुरु-शुरु मैं काफी घूमे फिरे लेकिन कुछ काम मिल नहीं रहा था उन्हें काफी वक्त हो गया था!

तो  जिस फैमिली के पास रह रहे थे उनको यह न लगे कि मेरे पास काम नहीं है मैं निकम्मा हूं जिसके चक्कर में कभी कभी घर पर जाते ही नहीं थे जहां पर रहते थे वह स्टेशन पर भी सोते रहते थे कभी-कभी ट्रेनों में सफर करते रहते थे कुछ काम बन नहीं रहा था इतना उनको समझ में आ गया था की यह छोटी मोटी जगह नहीं है यह मुंबई है!

यहां पर अपने आपको जब तक आप प्रूफ नहीं करते हो तब तक कोई आपके सामने देखता नहीं है और जिस तरीके से मैं आया हूं हजारों लाखों लोग यहां आए हैं और वह भी अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं रेमो के पास बहुत ज्यादा टैलेंट थी बस जरूरत थी वहां टिके रहने की बस पीछे नहीं हटना है कुछ भी हो जाए पीछे नहीं हटना है अपने आपको इतना ही समझा लिया उन्होंने!

मेहनत चालू रखें उसके बाद उन्होंने अपने सर्वाइवल के लिए थोड़े पैसे कमाने के लिए बच्चों को डांस सिखाना शुरू किया लोगों के घर पर जाकर बच्चों को डांस सिखाते थे जिस रेमो सर को आज लोग मिलने की बात तो छोड़ो देखने के लिए लाखों लोग लाइन में खड़े रहते हैं!

वह रेमो सर एक वक्त में बच्चों को घर पर जाकर डांस सिखाते थे तो यह सिलसिला चलता रहा एक इनकम शुरू हो गई थी उन्होंने अपने डांस क्लास भी खोल लिए थे आगे चलकर उनको कुछ लड़के मिले बहुत ही अच्छा डांस करते थे तो वह चार लड़के थे और रेमो 5 लोगों कि उनकी एक टीम बन गई थी रेमो सर खुद कोरियोग्राफ करते थे इतने अच्छे डांसर तो थे ही!

तो कैसी टीम बनाई होगी आप इमेजिन कर सकते हैं उन्होंने उसके बाद जो कंपटीशन होती थी मुंबई में लोकल डांस कंपटीशन उस में पार्टिसिपेट करना शुरू किया जो जीत ते हैं तो  उसमें प्राइज में उस वक्त पैसे मिलते थे उन पैसों से सबका खाना पीना रहना घूमना सब चलता था उसके बाद 1994 में एक  शो हुआ था!

ऑल इंडिया डांस शो उसमें भी इन की टीम ने पार्टिसिपेट किया और वहां पर यह लोग फस्ट आए थे इस जीत के बाद एक बहुत ही बड़ा उनको स्टार्ट मिल गया था क्योंकि अब इंडस्ट्री की भी नजर उन पर पड़ी थी क्योंकि विनर टीम थी सेकंड चैप्टर की बात करें तो अब शुरू हुआ था उनका बैकग्राउंड डांसर का उनका चैप्टर!

तो उस टाइम प्रॉब्लम यह आती थी कि रेमो सर का लुक एकदम सांवले थे और एकदम सिंगल बॉडी थे लुक भी इतनी कुछ खास नहीं थी और उस वक्त प्रिफर करते थे कि हीरो के पीछे भी अगर कोई डांसर हो तो वह भी थोड़ा सा हैंडसम हो ताकि फ्रेम के अंदर ग्लैमर बनी रहे ऑडियंस को देखने में अच्छा लगे तो अहमद खान का गाना कोरियोग्राफ हो रहा था रंगीला फिल्म का!

अहमद खान कोरियोग्राफर आप जानते होगे उनको आमिर खान और उर्मिला माथुरकर की पिक्चर थी लीड में थे वह लोग तो पहले तो रेमो सर के लिए नाना कहा गया की भाई नहीं नहीं रहने दो लेकिन फिर रेमो सर के डांस टैलेंट को देखकर उनको वह पहला मौका दिया गया और वह उनको पहला चांस मिला बॉलीवुड में ऐजा बैकग्राउंड डांसर आप  वह गाना देखो तो ध्यान देना गाने की शुरुआत  ही उनसे होती है

उनके टैलेंट को देखने के बाद अहमद खान ने उनको अपना असिस्टेंट बना लिया तो ऐसे करके उन्होंने अहमद खान सर की टीम ज्वाइन कर लि उसके बाद उन्होंने बॉलीवुड की सोंग्स की कोरियोग्राफी के पहलुओं को वहां से सीखा की फिल्मों के अंदर गाने किस तरह से कोरियोग्राफ होते हैं अपने आप को देखो क्या होता है कि जब आपके अंदर बहुत ही ज्यादा भूख होती है!

उसके बाद आप को कुछ थोड़ा बहुत भी कुछ कहीं पर कोई सिखा देना तो आप उसमें से बहुत ज्यादा डेवलप कर सकते हो आपको सिर्फ हिंट की जरूरत होती है तो ऐसा रेमो सर के साथ हुआ उन्होंने बहुत कुछ वहां से सीखा अब वक्त था उड़ने का उसके बाद रेमो डिसूजा को अनुभव सिन्हा ने अपना एक गाना कोरियोग्राफ करने का मौका दिया!

सोनू निगम की आवाज में गाना था गाने का नाम दीवाना उस वक्त रेमो सर अहमद खान की टीम में काम करते थे तो यह बड़ा रिस्की फैसला था उनके लिए इस गाने को इंडिपेंडेंटली कोरियोग्राफ करने के लिए यह टीम छोड़ना जरूरी था और अगर कुछ उल्टा हो गया यह स्टेप जैसा सोचा था वैसा नहीं हुआ तो यहां से भी जाएंगे वहां से भी जाएंगे!

यह वाला सिचुएशन था लेकिन फिर भी उन्होंने रिस्क लिया इस गाने को इंडिपेंडेंटली कोरियोग्राफ किया गाना हिट हुआ उसके बाद उन्होंने कई सारे गाने किए लेकिन कांटे फिल्म का गाना इश्क समुंदर उस गाने ने इनकी जिंदगी बदली अब इनकी जिंदगी का तीसरा चैप्टर एजा कोरियोग्राफर सक्सेस फुल कोरियोग्राफर का शुरू हो गया था!

उसके बाद उन्होंने बड़े-बड़े डायरेक्टर के साथ काम किया बड़ी-बड़ी फिल्में की उन्होंने साउथ के अंदर भी काम किया बहुत सारा काम किया इंडस्ट्री में ऐजा कोरियोग्राफर सेटल हो चुके थे लेकिन उनको इंडस्ट्री जानती थी कि यह रेमो डिसूजा है कोरियोग्राफर है हिंदुस्तान नहीं जानता था तो वह कसूर भी पूरी हो गई!

जब उनको डी आई डी मैं जज बनने का मौका मिला  तो डी आई डी में आने के बाद रेमो डिसूजा हिंदुस्तान के हर घर में पहुंच गए डीआईडी सुपर डुपर हिट था आपको पता है लोगों ने रेमो सर को देखो उनके टैलेंट को देखा उनकी कोरियोग्राफी को देखा अब वह एक सेलिब्रिटी बन चुके थे!

जहां पर भी जाते थे लोग फोटोग्राफ के लिए ऑटोग्राफ के लिए उनके आगे पीछे घूमते थे अब उनका और एक सपना था डायरेक्टर बनने का उनको फिल्में डायरेक्ट करनी थी उन्होंने अपनी पहली फिल्म डायरेक्ट कि फालतू काफी अच्छी फिल्म रही लोगों ने बहुत पसंद भी कि ऐजा डायरेक्ट भी रेमो डिसूजा का काम पसंद किया!

अब उनकी अपनी फिल्म आई एबीसीडी एनी बॉडी कैन डांस
अपनी फिल्म इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि वह डांस बेस्ट फिल्म थी और यह फिल्म ब्लॉकबस्टर रही 2015 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली तीसरी फिल्म थी एबीसीडी 2 उसके बाद आई अभी स्ट्रीट डांसर आई है और बीच में बहुत सॉरी फिल्में उन्होंने की है तो अब वह एक सक्सेसफुल डायरेक्टर भी बन गए थे!

उनकी जिंदगी का चौथा चैप्टर एजा डायरेक्टर आज की बात करें तो रेमो सर एक सक्सेसफुल डायरेक्टर हैं एक सक्सेसफुल कोरियोग्राफर हैं  एक बहुत ही बड़े सेलिब्रिटी हैं लाखों-करोड़ों लोगों के रोल मॉडल हैं लाखों-करोड़ों लोगों के भगवान भी कह सकते हो आप लोग उनका टैटू बनाकर घूमते हैं अपनी बॉडी के ऊपर बहुत लोगों को इंस्पायर्ड करते हैं!

उसके बाद उन्होंने बहुत सारे शो भी किए हैं एक्चुली वह बहुत ही लंबा लिस्ट हैं आपको पता है वह सब अभी हम डिटेल में नहीं जा रहे हैं लेकिन रेमो सर आज कहां पर है वह आपको पता है तो अब हम रेमो सर की जिंदगी से क्या सीख सकते हैं वह बात करते हैं पहली बात तो यह कि सपनों को देखने के लिए आप कहां से आते हो आप का बैकग्राउंड क्या है यह मैटर नहीं करता है!

सपने सपने होते हैं बस सपने अगर देखते हो तो उन सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखो देखने के लिए मत देखा करो तकलीफै भी आ सकती हैं मुश्किल रास्ते भी आ सकते हैं लेकिन वह सारे पार करने की हिम्मत अपने पास रखो और कभी भी हार मत मानो ओके तो आज की बात यही तक रखते हैं

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रेमो डिसूजा की लाइफ स्टोरी हिंदी में रेमो डिसूजा की लाइफ स्टोरी हिंदी में Reviewed by Shubham Thakur on अप्रैल 12, 2020 Rating: 5

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